'National Symbols of India' in Hindi | 'Bharat ke Rashtriya Chinh' par Nibandh (600 Words)

'National Symbols of India' in Hindi | 'Bharat ke Rashtriya Chinh' par Nibandh (600 Words)

भारत का राष्ट्रीय ध्वज


'भारत का राष्ट्रीय ध्वज' तिरंगा है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद व सबसे नीचे हरा रंग है। सभी रंग बराबर अनुपात में हैं। सफ़ेद रंग की पट्टी पर झंडे के मध्य में नीले रंग का चक्र है जिसमें 24 तीलियाँ हैं।

केसरिया रंग देश की ताकत एवं साहस का परिचायक है। बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी शांति एवं सत्यता को दर्शाती है। हरे रंग की पट्टी धरती की उर्वरता, विकास एवं पवित्रता की परिचायक है। चक्र इस बात को दर्शित करता है कि जीवन गतिमान है जबकि मृत्यु निश्चलता का नाम है। झंडे की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान रूप को भारत की संविधानकारी सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत किया गया था।


भारत का राष्ट्रगान


'भारत का राष्ट्रगान' जन-गण-मन है। यह मूल रूप में रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली भाषा में लिखा गया था। जन-गण-मन का हिंदी अनुवाद संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्र गान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया। 

'जन-गण-मन' प्रथम बार 27 दिसंबर 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया। जन-गण-मन के पूर्ण गीत में 5 छंद हैं। प्रथम छंद में राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण समाहित है। राष्ट्र गान के पूर्ण संस्करण को पूर्ण करने का समय 52 सेकंड होता है। 

भारत का राष्ट्रगान निम्न है: 

"जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्यविधाता
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंगा
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंगा
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे
गाहे तव जयगाथा
जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्यविधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे!"


भारत का राष्ट्रीय गीत

'भारत का राष्ट्रीय गीत' बन्दे मातरम् है। इस गीत की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृत में की गई थी। इसे भारत के राष्ट्रीय गान जन-गण-मन के बराबर का दर्जा प्राप्त है। वन्दे मातरम प्रथम बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1896 के सत्र में गाया गया था। 

'वन्दे मातरम' गीत के प्रथम छंद के शब्द इस प्रकार हैं:
"वन्दे मातरम्!
सुजलां सुफलां, मलयज शीतलाम्,
शस्यशामलां मातरम्
शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीं, 
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीं, 
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं, 
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।।
वन्दे मातरम्!"


भारत का राष्ट्रीय प्रतीक

'भारत का राष्ट्रीय प्रतीक' अशोक द्वारा बनवाये गए सारनाथ शेर राजधानी से लिया गया है। सारनाथ भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी के निकट है। 

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक में चार एशियाई शेर एक दूसरे के विपरीत दिशा में चारो दिशाओ की सुरक्षात्मक मुद्रा में है। भारत सरकार द्वारा 1950 में अंगीकृत किये गए राष्ट्रीय प्रतीक में मात्र तीन शेर दृश्यमान हैं तथा चौथा शेर छिपा है। चक्र एबेकस के केंद्र में, दाहिने पर एक बैल और बाईं तरफ एक दौड़नेवाला घोड़े के साथ दिखाई देता है। धर्म चक्र की रूपरेखा दाहिनी एवं बाईं ओर चरम पर है। भारत के प्रतीक के नीचे आदर्श वाक्य देवनागरी लिपि में “सत्यमेव जयते” उदित हैं – जिसका मतलब “सत्य की सदा ही जीत होती है"। यह उक्ति मुंदिका उपनिषद से ली गई है।



भारत का राष्ट्रीय पशु

'भारत का राष्ट्रीय पशु' बाघ है। इसका शरीर काफी मजबूत होता है। बाघ का रंग पीला/ हल्का भूरा होता है जिस पर काली धारियां होती हैं। इसकी पूंछ लम्बी होती है। इसके चार पैर होते हैं। इसके दांत बड़े एवं पैने होते हैं। इसके पंजों में नुकीले नाख़ून होते हैं।

बाघ बिल्ली के परिवार से सम्बद्ध होता है। यह एक बहुत बड़ी बिल्ली की भांति दिखता है। बाघ सामान्यतया जंगल में पाया जाता है। इसको खून व मांस बहुत पसंद है। यह बहुत ही हिंसक एवं क्रूर जानवर होता है।

भारत में बाघ का शिकार भारत सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम बाघ को चिड़ियाघर एवं सर्कस में देख सकते हैं।

भारत का राष्ट्रीय पक्षी

'भारत का राष्ट्रीय पक्षी' मोर है। यह एक बड़ा पक्षी है एवं इसके आकर्षक रंगीन पंख काफी लम्बे होते हैं। मोर के सर पर मुकुट जैसी खूबसूरत कलंगी होती है। इसकी लम्बी गर्दन पर सुन्दर नीला मखमली रंग होता है। यह भारत के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। 

मोर नुकसानदायक कीट-पतंगों को खाता है और इसलिए यह किसानों का अच्छा मित्र होता है। मोर शब्द पुल्लिंग है तथा स्त्रीलिंग को मोरनी कहते हैं। मोर का नृत्य बहुत प्रसिद्द है। मयूर नृत्य समूह में किया जाता है। नृत्य के समय मोर अपने पंख फैला कर बडा सुन्दर मगर धीमी गति का नृत्य करता है।
मोर का शिकार भारत में पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसे भारतीय वन्य-जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्ण संरक्षण दिया गया है।

भारत का राष्ट्रीय फूल

'भारत का राष्ट्रीय फूल' कमल है। इसे वैज्ञानिक रूप से 'Nelumbo Nucifera' के नाम से जानते हैं। यह एक पवित्र फूल के रूप में जाना जाता है। प्राचीन भारत की कला में इसको बखूबी प्रयोग किया गया है। कमल अति प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का प्रतीक रहा है।
कमल दो रंगों में पाया जाता है: सफ़ेद एवं गुलाबी। यह तालाबों, पोखरों एवं कीचड़ भरी जगहों में पाया जाता है। इसकी सुन्दरता मनमोहनी होती है जिसे देखकर ही कहावत का प्रयोग होता है की 'कीचड़ में भी कमल खिलता है'। हिन्दू मान्यता के अनुसार कमल धन की देवी लक्ष्मी का सिंहासन है।

भारत का राष्ट्रीय फल

'भारत का राष्ट्रीय फल' आम है। यह एक गूदेदार फल होता है जो वैज्ञानिक दृष्टि से मैग्नीफेरा नामक प्रजाति से सम्बन्धित है। आम में विटामिन ए, सी एवं डी होता है, इसीलिए इसे 'फलों का राजा' भी कहते हैं।
भारत में आम की सौ से भी अधिक किस्म (विविधता) उपलब्ध हैं। आम विभिन्न रंगों, आकार एवं आकृति के होते हैं। इसकी पैदावार भारत में अति प्राचीन समय से होती आयी है। लोग आम को काटकर, चूसकर खाते हैं, आचार के रूप में प्रयोग करते हैं। आम को चटनी एवं अन्य तरीकों से भी प्रयोग किया जाता है। 


भारत का राष्ट्रीय वृक्ष

'भारत का राष्ट्रीय वृक्ष' बरगद है। इसे कई बार भारतीय बरगद के रूप में भी जाना जाता है। इसे 'वट' वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। 

बरगद का पेड़ अपनी टहनियों से लटकती जड़ों के कारण अति शीघ्र विशालकाय हो जाता है। बरगद के पेड़ की पत्तियां बड़ी एवं हरे रंग की होती हैं। भारत में बरगद के पेड़ को पवित्र माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष की विशेष मान्यता है तथा इसकी पूजा की जाती है।


भारत का राष्ट्रीय खेल

'भारत का राष्ट्रीय खेल' हॉकी है। हॉकी एक खेल होता है जिसमें दो टीम एक-दूसरे के विरुद्ध खेलती हैं एवं हॉकी स्टिक की मदद से विरोधी के खेमे में गेंद गोल में डालकर गोल करने का प्रयास करती हैं। हॉकी के वर्तमान में अनेक प्रकार हैं, यथा- फील्ड हॉकी, आइस हॉकी, रोलर हॉकी, स्लेज हॉकी और स्ट्रीट हॉकी।

भारत में हॉकी का खेल बहुत पुराना एवं प्रिय है। विश्व के ओलंपिक खेलों में हॉकी में भारत का प्रभावी स्थान रहा है। 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिहाज से स्वर्णिम रहा है। इस दौरान भारत ने 6 स्वर्ण पदक लगातार हॉकी स्पर्धा में प्राप्त किये।


भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर

'भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर', शक कैलेंडर है। इसे भारत में आधिकारिक रूप से 22 मार्च 1957 को अंगीकृत किया गया। भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक सम्वत पर आधारित है जिसका प्रथम माह चैत्र है। सामान्य वर्ष 365 दिन का होता है। चैत्र का माह सामान्य वर्ष में 22 मार्च को प्रारंभ होता है जबकि लीप वर्ष में 21 मार्च को प्रारंभ होता है। वर्ष के प्रथम 6 माह में सभी में 31 दिन होते हैं।

भारत के राष्ट्रीय कैलेंडर के माह निम्न प्रकार हैं: 
  1. चैत्र
  2. वैशाख
  3. ज्येष्ठ
  4. आषाढ़
  5. श्रावण
  6. भाद्रपद
  7. आश्विन
  8. कार्तिक
  9. अग्रहायण (मार्गशीर्ष)
  10. पौष
  11. माघ
  12. फाल्गुन 
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